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Artificial intelligence क्या है? | AI कैसे काम करती है।

artificial Intelligence in hindi with example

आजकल टेक्नोलॉजी काफ़ी तेजी से से बढ रही है, इस स्थिति में एक और टेक्नोलॉजी है जो काफी तीव्रता से बढ़ रही है, एवं वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस है। सभी को थोडा तो पता होता है कि, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है। मगर डिटेल में नहीं पता होता। आज हम AI क्या है विस्तृत रूप से उदाहरणों के माध्यम से समझेंगे।

हम साइंस फिक्शन मूवीज में कई चीजें देखते है, जो फ्यूचर की टेक्नोलॉजी को प्रदर्शित करती है।  इनमें से एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भी होती है। परंतु वहां यह इमेजनरी होती है, मगर रियल वर्ल्ड में यह टेक्नोलॉजी तीव्रता से बढ रही है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की परिभाषा

यह कंप्यूटर साइंस का एक एरिया है, जिसमे मशीनो की इंटेलिजेंस पर कार्य किया जाता है, जिससे मशीन हम इंसानों की तरह कार्य कर सके एवं एक्शन ले सके। इसके साथ में रिसर्च जुडी होती है, वह काफी टेक्निकल होती है।

दोस्तों आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को अच्छे से समझने के लिए अब हम लोग इसके ऐप्लिकेशन के संबंध में बात करेंंगे

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस  के ऐप्लिकेशन  

चैट बोट्स: हर बड़ी कंपनी के सर्विस सेक्शन में चैट बोट लगा होता है, इसमें कंप्यूटर ही आप के सवाल के उत्तर दे देता है। एवं यह 24 घण्टे सातों दिन चालू रहता है।

रोबोटिक्स: रोबोटिक्स में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का काफी बड़ा उदहारण हमारे संज्ञान में आया है, जो कि Sofia के संबंध में है। यह रोबोट इंसानो की भांति सोच सकता है एवं बातें भी कर सकता है।

वीडियो गेम्स: हमें वीडियो गेम्स में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की झलक मिलती है जैसे बहुत सी गेम्स में आप को कंप्यूटर से खेलना होता है, जैसे चेस, गो गेम इनमें कम्प्यूटर्स से जीतना मुमकिन नहीं है। यहाँ AI का ही प्रयोग होता है।

स्मार्ट असिस्टेंट: स्मार्टफोन्स में गूगल असिस्टेंट एवं एप्पल का सीरी इसके उदाहरण है।

इमेज रिकग्निशन: फेस डिटेक्शन, जो कि फेसबुक कैमरा में यह फीचर दिखाई देता है।

स्पीच रिकग्निशन: गूगल का वॉइस सर्च फीचर इसी का एग्जांपल है।

सेल्फ़ ड्राइविंग कारें: जिसको रोबोट कार ड्राइवर लेस कार के नाम से भी जानते है। कई मल्टी नेशनल कम्पनी इस फील्ड में रिसर्च कर रही है। कार में अनेक सेंसर्स लगे होते है , जैसे की जीपीएस, सोनार, राडार, LiDAR आदि। एवं इन सेंसर्स एवं मशीन इंटेलिजेंस की सहायता से कार चलती है।

नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग: NLP में कंप्यूटर एवं इंसानो के बीच के इंटरेक्शन को समझा जाता है। कम्प्यूटर्स को नेचुरल लैंग्वेज को प्रोसेस करने के लिए प्रोग्राम किया जाता है।

ऑगमेंटेड रियलिटी: AR भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का ही एक पार्ट है, जिसमे आप कैमरे में वर्चुअल ऑब्जेक्ट के साथ रियल एक्सपीरियंस ले सकते हो।

अमेजन गो: यह एक शॉपिंग स्टोर है, जहां पर कोई लाइन नहीं होती अथवा कोई चेकआउट नहीं होता। आपको अपना सामान लेना है, एवं जो भी चीज आप लेंगे वह वर्चुअल कार्ट में ऐड होती जायेगी। शॉपिंग हो जाने के उपरांत आप स्टोर से बाहर जा सकते हो तथा आपको आपकी रसीद मिल जायेगी।

क्यों है? आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की आवश्यकता

मशीन व्यक्ति से ज़्यादा तीव्रता से सोच सकती है। एवं इस प्रकार के कई कार्य है, जिसमें मशीन व्यक्ति की भांति सोचे एवं तीव्रता से कार्य करे।

उदहारण के लिए यदि कोई कार स्पीड लिमिट से अधिक तेज चलाई गयी है, तो उसका चालान सीधा उसके घर में आ जाएगा। क्योंकि कैमरे के जरिए नंबर प्लेट की जो फोटो खींची जाती है, उसे टेक्स्ट में कंप्यूटर के जरिए कन्वर्ट किया जाएगा और उससे कार के ऑनर के संबंध में पता करके चालान भेज दिया जाएगा। यदि यही कार्य व्यक्ति करे तो वह इतनी तेज गाड़ी की नम्बर प्लेट नहीं पढ़ पायेगा। इसलिए ऐसी बहुत सी जगहों पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की आवश्यकता है।

कुछ कोर प्रॉब्लम्स होती है, जिनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर कार्य किया जाता है, जैसे- रीजनिंग, लर्निंग, प्लानिंग, प्रॉब्लम-सॉल्विंग, नॉलेज एबिलिटी टू मूव ऑब्जेक्ट्स एंड मनिप्युलेट परसेप्शन आदि जिनमे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रिसर्च के लिए नॉलेज एबिलिटी इंजीनियरिंग का एक कोर पार्ट है। यदि मशीन के पास दुनिया की इनफार्मेशन होगी, तभी वह मनुष्यों की भांति एक्ट एवं रियेक्ट कर सकेगी।

कहाँ प्रयोग हो रही है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस 

AI कई सारी इंडस्ट्रीज में लागू हो रही है। जैसे कि मेडिकल, कंप्यूटर, सॉफ्टवेयर, ऑटोमेशन, रोबोटिक्स और अन्य जगह।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कैसे काम करती है

कंप्यूटर को इंटेलीजेंट बनाने के लिए उन्हें प्रोग्राम किया जाता है। इससे कंप्यूटर खुद व खुद कुछ सीख सके या फिर कुछ इनपुट्स देने पर उसे प्रोसेस करके उनसे सिख सके। इस टाइम पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं मशीन लर्निंग के लिए सबसे ज्यादा पाइथन प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का उपयोग किया जा रहा है। परंतु और लैंग्वेज से भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में कार्य किया जा सकता है। अन्य बहुत सारे प्रोजेक्ट्स है जिनके ज़रिए AI काम करती है, जैसे की टेन्सॉरफ्लो जोकि गूगल का मशीन लर्निंग प्रोजेक्ट है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का फ्यूचर

जिस तरीके से इस फील्ड में रिसर्च होती जा रही है, यह कह पाना काफी मुश्किल है कि यह फील्ड कहां तक जाएगा। मगर यह तो बोल ही सकते है कि यह अलग ही लेवल पर इम्प्रूव होगा। कई लोगों का मानना है कि यह जॉब्स को कम कर देगा। अभी तो यह कह नहीं सकते परन्तु जब कम्प्यूटर्स आए थे, तब भी यह बोला जा रहा था की कम्प्यूटर्स जॉब्स को खत्म कर देंगे मगर उल्टा कई जॉब क्रिएट हुई।

दोस्तों इस पोस्ट को पढ़कर आपको आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के बारे में अच्छे से समझ में आ गया होगा। आगे हम अगली पोस्ट में इसके बारे में और भी कुछ ज़्यादा बताएंगे तो इसलिए हमारे ब्लॉग को फ़ॉलो करना न भूलें। धन्यवाद 

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